Answer
### 4. मौसमी बेरोजगारी क्या है? मौसमी बेराजगारी के लिए उत्तरदायी करक कौन से हैं।
**मौसमी बेरोजगारी** वह स्थिति है जब लोग किसी विशेष मौसम या मौसम के बदलाव के कारण अस्थायी रूप से बेरोजगार हो जाते हैं। यह आमतौर पर कृषि, पर्यटन, और निर्माण जैसे क्षेत्रों में होती है, जहां काम का बोझ मौसम के अनुसार बदलता है।
**उत्तरदायी करक:**
1. **जलवायु परिवर्तन:** कृषि कार्यों में मौसम का सीधा प्रभाव होता है। जैसे, बारिश के मौसम में फसल की बुवाई होती है, जबकि सूखे मौसम में काम कम होता है।
2. **पर्यटन का मौसम:** पर्यटन स्थलों पर भी मौसमी बेरोजगारी होती है। जैसे, गर्मियों में समुद्र तटों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ती है, जबकि सर्दियों में कम होती है।
3. **निर्माण कार्य:** कुछ निर्माण कार्य मौसम के अनुसार होते हैं, जैसे बारिश में निर्माण कार्य में रुकावट आ सकती है।
### 5. आर्थिक क्रियाएँ क्या हैं? व्याख्या कीजिए।
**आर्थिक क्रियाएँ** वे गतिविधियाँ हैं जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग से संबंधित होती हैं। ये क्रियाएँ समाज के आर्थिक ढांचे को आकार देती हैं और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
**व्याख्या:**
Solution
### 4. मौसमी बेरोजगारी क्या है? मौसमी बेराजगारी के लिए उत्तरदायी करक कौन से हैं।
**मौसमी बेरोजगारी** वह स्थिति है जब लोग किसी विशेष मौसम या मौसम के बदलाव के कारण अस्थायी रूप से बेरोजगार हो जाते हैं। यह आमतौर पर कृषि, पर्यटन, और निर्माण जैसे क्षेत्रों में होती है, जहां काम का बोझ मौसम के अनुसार बदलता है।
**उत्तरदायी करक:**
1. **जलवायु परिवर्तन:** कृषि कार्यों में मौसम का सीधा प्रभाव होता है। जैसे, बारिश के मौसम में फसल की बुवाई होती है, जबकि सूखे मौसम में काम कम होता है।
2. **पर्यटन का मौसम:** पर्यटन स्थलों पर भी मौसमी बेरोजगारी होती है। जैसे, गर्मियों में समुद्र तटों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ती है, जबकि सर्दियों में कम होती है।
3. **निर्माण कार्य:** कुछ निर्माण कार्य मौसम के अनुसार होते हैं, जैसे बारिश में निर्माण कार्य में रुकावट आ सकती है।
### 5. आर्थिक क्रियाएँ क्या हैं? व्याख्या कीजिए।
**आर्थिक क्रियाएँ** वे गतिविधियाँ हैं जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग से संबंधित होती हैं। ये क्रियाएँ समाज के आर्थिक ढांचे को आकार देती हैं और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
**व्याख्या:**
1. **उत्पादन:** यह वह प्रक्रिया है जिसमें संसाधनों का उपयोग करके वस्तुओं और सेवाओं का निर्माण किया जाता है।
2. **वितरण:** उत्पादन के बाद, वस्तुओं और सेवाओं का वितरण किया जाता है ताकि वे उपभोक्ताओं तक पहुँच सकें।
3. **उपभोग:** उपभोक्ता द्वारा वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करना उपभोग कहलाता है, जो आर्थिक क्रियाओं का अंतिम चरण है।
### 6. शिक्षा तथा कौशाल बाजार में किसी व्यक्ति की आय के प्रमुख निर्धारक तत्त हैं। इस कथन को सिद्ध कीजिए।
**सिद्धांत:**
1. **शिक्षा का स्तर:** उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की आय सामान्यतः अधिक होती है। शिक्षा का स्तर सीधे तौर पर नौकरी के अवसरों और वेतन पर प्रभाव डालता है।
2. **कौशल विकास:** विशेष कौशल वाले व्यक्तियों को अधिक वेतन वाली नौकरियों में रखा जाता है। कौशल विकास से व्यक्ति की उत्पादकता बढ़ती है, जिससे आय में वृद्धि होती है।
3. **प्रतिस्पर्धा:** शिक्षा और कौशल के माध्यम से व्यक्ति प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ता है, जिससे उसे बेहतर नौकरी और अधिक आय प्राप्त होती है।
### 7. किस प्रकार मानव पूँजी में निवेश भौतिक पूँजी में निवेश के समान है? कोई तीन समानताएँ बताइए।
**समानताएँ:**
1. **विकास में योगदान:** मानव पूँजी में निवेश (शिक्षा और कौशल) और भौतिक पूँजी में निवेश (उपकरण और मशीनरी) दोनों ही आर्थिक विकास में योगदान करते हैं।
2. **उत्पादकता में वृद्धि:** दोनों प्रकार के निवेश से उत्पादकता में वृद्धि होती है। मानव पूँजी से कुशल श्रमिक मिलते हैं, जबकि भौतिक पूँजी से बेहतर उपकरण मिलते हैं।
3. **लंबी अवधि के लाभ:** मानव पूँजी में निवेश और भौतिक पूँजी में निवेश दोनों ही लंबे समय तक लाभ प्रदान करते हैं। शिक्षा और कौशल से व्यक्ति की आय बढ़ती है, जबकि भौतिक पूँजी से उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है।
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