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### 1. बाजार क्रियाएँ तथा गैर-बाजार क्रियाओं में अन्तर
- **बाजार क्रियाएँ:**
- बाजार में होने वाली गतिविधियाँ।
- मांग और आपूर्ति द्वारा नियंत्रित होती हैं।
- उदाहरण: कपड़े बनाना, अनाज उगाना, सामान बेचना।
- **गैर-बाजार क्रियाएँ:**
- बाजार से बाहर होने वाली गतिविधियाँ।
- सरकारी या संस्थागत नियंत्रण में होती हैं।
- उदाहरण: शिक्षा प्रदान, स्वच्छता अभियान, स्वयंसेवी कार्य।
**अंतर:**
- बाजार क्रियाएँ वस्तुओं का विनिमय और लाभ अर्जन से संबंधित हैं, जबकि गैर-बाज
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### 1. बाजार क्रियाएँ तथा गैर-बाजार क्रियाओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए
**बाजार क्रियाएँ:**
- **परिभाषा:** ऐसी गतिविधियाँ जो बाजार में वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और विनिमय से संबंधित होती हैं।
- **लाक्षणिकता:** मांग और आपूर्ति की शक्तियों द्वारा नियंत्रित होती हैं।
- **उदाहरण:** वस्त्र उद्योग में कपड़े बनाना, किसानों द्वारा अनाज उगाना, रिटेल स्टोर्स में सामान बेचना।
**गैर-बाजार क्रियाएँ:**
- **परिभाषा:** ऐसी गतिविधियाँ जो सीधे बाजार में नहीं होतीं और जो सामाजिक लाभ प्रदान करती हैं।
- **लाक्षणिकता:** सरकारी नीतियों, परोपकारी प्रयासों या पारिवारिक जिम्मेदारियों द्वारा नियंत्रित होती हैं।
- **उदाहरण:** शिक्षा प्रदान करना, स्वास्थ्य सेवाएँ, स्वच्छता अभियान, स्वयंसेवी कार्य।
**अंतर:**
- **वस्तु विनिमय:** बाजार क्रियाओं में वस्तुओं और सेवाओं का विनिमय होता है, जबकि गैर-बाजार क्रियाओं में नहीं।
- **लाभ प्राप्ति:** बाजार क्रियाएँ लाभ अर्जन के लिए की जाती हैं, गैर-बाजार क्रियाएँ सामाजिक लाभ के लिए।
- **नियंत्रण:** बाजार क्रियाएँ स्वतंत्र बाजार बलों द्वारा नियंत्रित होती हैं, गैर-बाजार क्रियाएँ अक्सर सरकारी या संस्थागत नियंत्रण में होती हैं।
### 2. भौतिक पूँजी और मानव पूँजी में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
**भौतिक पूँजी:**
- **परिभाषा:** संयंत्र, मशीनरी, उपकरण, भवन, अवसंरचना जैसी भौतिक वस्तुएं जो उत्पादन प्रक्रिया में उपयोग में आती हैं।
- **लक्षण:** टांगने योग्य (टंगने योग्य) होती हैं, जैसे मशीनें, फैक्ट्रियाँ, सड़कें।
- **विकास:** पूंजी निवेश द्वारा बढ़ाई जाती है, जैसे नई मशीन खरीदना।
- **उदाहरण:** एक कार उत्पादन फैक्ट्री में उपयोग होने वाली मशीनें, रेलवे ट्रैक।
**मानव पूँजी:**
- **परिभाषा:** शिक्षा, कौशल, अनुभव और स्वास्थ्य जो व्यक्ति की उत्पादक क्षमता को बढ़ाते हैं।
- **लक्षण:** अमूर्त (बिन-टंग) होती हैं, जैसे ज्ञान, दक्षता।
- **विकास:** शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से बढ़ाई जाती है।
- **उदाहरण:** एक इंजीनियर की तकनीकी जानकारी, एक शिक्षक की शिक्षण क्षमता।
**अंतर:**
- **स्वरूप:** भौतिक पूँजी मटेरियल और टांगने योग्य होती है, जबकि मानव पूँजी अमूर्त और बिन-टंग होती है।
- **उत्पादन में योगदान:** भौतिक पूँजी प्रत्यक्ष रूप से उत्पादन में उपयोग होती है, मानव पूँजी उत्पादन प्रक्रिया में विचारशीलता और कौशल प्रदान करती है।
- **विकास का तरीका:** भौतिक पूँजी को खरीदकर या निर्माण करके बढ़ाया जाता है, मानव पूँजी को शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुभव के माध्यम से।
### 3. प्रच्छन्न बेरोजगारी क्या है? उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
**प्रच्छन्न बेरोजगारी:**
- **परिभाषा:** वह बेरोजगारी जो आधिकारिक बेरोजगारी दर में शामिल नहीं होती, लेकिन वास्तविक आर्थिक स्थिति को दर्शाती है।
- **प्रकार:** इस श्रेणी में अंडरएम्प्लॉयमेंट (अपूर्ण रोजगार), नेगटिव ग्रेडिंग, समय बताए बेरोजगारी आदि शामिल हैं।
- **कारण:** आर्थिक मंदी, तकनीकी उन्नति से नौकरियों में कमी, श्रमिकों के कौशल का अप्रासंगिक होना।
**उदाहरण:**
मान लीजिए एक फैक्ट्री में 100 कर्मचारियों की आवश्यकता है, लेकिन केवल 80 लोग काम कर रहे हैं और बाकी 20 बेरोजगार हैं। लेकिन आधिकारिक बेरोजगारी दर में केवल 20% बेरोजगार दर्ज होंगे। इसके अलावा, यदि कुछ लोग अंशकालिक काम कर रहे हैं जबकि उन्हें पूर्णकालिक रोजगार की आवश्यकता है, तो यह प्रच्छन्न बेरोजगारी में गिना जाता है।
**स्पष्टिकरण:**
अगर एक व्यक्ति पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहा है, जैसे कि किसी इंजीनियर को सिर्फ लघु परियोजनाओं पर काम दिया जा रहा है जबकि वह बड़े प्रोजेक्ट संभाल सकता है, तो यह भी प्रच्छन्न बेरोजगारी का हिस्सा है। यह बेरोजगारी आर्थिक रिपोर्टों में प्रकट नहीं होती, लेकिन यह अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को प्रभावित करती है।
Revisado y aprobado por el equipo de tutoría de UpStudy
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